“Do you want our country to become a land of happiness, prosperity, and peace?”

क्या आप चाहते हैं कि हमारा देश बने खुशहाली, समृद्धि और शांति की धरती?

नमस्कार साथियों,
जय हिंद, जय भारत।

आज मैं आपसे एक सीधा, लेकिन बहुत ही गहरा सवाल पूछना चाहता हूँ —
क्या आप चाहते हैं कि हमारा भारत देश एक ऐसा देश बने, जहाँ हो खुशहाली, समृद्धि और शांति?

अगर आपका जवाब है “हाँ” — तो आइए सोचें, कैसा होगा वह भारत?

वो भारत जहाँ…

  • हर नागरिक मुस्कुराए, ना भूखा हो, ना बेघर।
  • हर बच्चा स्कूल जाए, ना बाल मजदूरी करे, ना डर में जिए।
  • हर किसान को उसकी मेहनत का सही मूल्य मिले, और वो आत्महत्या ना करे।
  • हर युवा को रोजगार मिले, और वो अपने सपनों को साकार कर सके।
  • हर महिला को सम्मान और सुरक्षा मिले, और वो आज़ादी से जी सके।
  • हर गली में शांति हो, नफरत नहीं। हर धर्म, हर जाति, हर समुदाय में भाईचारा हो।

लेकिन ये सपना कैसे सच होगा?

  • जब हम भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़े होंगे।
  • जब हम जात-पात, धर्म, भाषा की राजनीति से ऊपर उठेंगे।
  • जब हम सिर्फ अपने लिए नहीं, देश के लिए सोचेंगे।
  • जब हम नेता नहीं, सेवक चुनेंगे।
  • जब हम शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार को अपना मुद्दा बनाएँगे — सिर्फ नारे नहीं, समाधान माँगेंगे।

यह सिर्फ सरकार का काम नहीं — यह हम सबकी ज़िम्मेदारी है

अगर हम चाहते हैं कि हमारा देश बने खुशहाली की भूमि, तो हमें शुरुआत अपने घर से करनी होगी,
अपने विचारों से करनी होगी, और अपने वोट से करनी होगी।

निष्कर्ष:

साथियों,
खुशहाली कोई चमत्कार नहीं, यह एक संकल्प है।
शांति कोई सौगात नहीं, यह एक संस्कार है।
और समृद्धि कोई ख्वाब नहीं, यह मेहनत और ईमानदारी का परिणाम है।

आइए, मिलकर एक ऐसा भारत बनाएं —
जहाँ हर सुबह मुस्कुराहट से शुरू हो,
हर शाम उम्मीदों के साथ ढले,
और हर दिल में हो सिर्फ एक बात —
मेरा भारत महान!

धन्यवाद।
जय हिंद, जय भारत।

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